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हमारे जीवन में हस्ताक्षर का काफी महत्व होता है। हम यह भी कह सकते हैं कि हस्ताक्षर हमारी पहचान होते हैं। हस्ताक्षर से लोगों के व्यक्तित्व का भी पता चलता है। जैसे, सिग्नेचर एक्सपर्ट्स की मानें तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर से पता चलता है कि उन्हें लोगों से संवाद करना अच्छा लगता है। नरेंद्र मोदी अपने हस्ताक्षर के अंत में जिस तरह से दो डॉट लगाते हैं उसके बारे में हस्ताक्षर विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसा करने वाले फैसला करने में किसी की दखलअंदाजी नहीं पसंद करते। उन्हें जो करना है अपने मन से करते हैं। वहीं जो लोग सिग्नेचर में बड़े से गोले का इस्तेमाल करते हैं उनके बारे में जानकारों का मानना है कि वो अपनी सच्चाई को छिपा कर रखते हैं। ऐसे लोग वही दिखाते हैं जो वो चाहते हैं कि दिखे। तो पीएम नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर का कुछ यूं विश्लेषण करते हैं एक्सपर्ट्स। आइए देखते हैं देश के दूसरे नेता किस तरह करते हैं हस्ताक्षर।
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भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अंग्रेजी में हस्ताक्षर करते हैं।
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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सिग्नेचर में अपना सरनेम पूरा लिखते हैं।
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उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्ताक्षर में क्या लिखा है ये पढ़ पाना बेहद मुश्किल है।
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मनोहर लाल खट्टर दस्तखत में अपना सरनेम नहीं लिखते हैं।
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यूपी के सीएम रह चुके बीजेपी के कद्दावर नेता कल्याण सिंह के हस्ताक्षर।
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हिमाचल प्रदेश के सीएम जय राम ठाकुर बड़े रोचक अंदाज में सिग्नेचर करते हैं।
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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हस्ताक्षर।
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बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हस्ताक्षर।
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बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के दस्तखत।
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केरल के मुख्यमंत्री पिनरयी विजयन हस्ताक्षर में क्या लिखा है यह समझ पाना बड़ा कठिन है।
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उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के सिग्नेचर।
अरुणाचल प्रदेश के सीएम प्रेमा खांडू भी इंग्लिश में सिग्नेचर करते हैं। -
गुजरात के राज्याल की कुर्सी तक पहुंचने वाले आचार्य देवव्रत के हस्ताक्षर।
पूर्व गृह सचिव से दिल्ली के एलजी बनने वाले अनिल बैजल के हस्ताक्षर भी काफी रोचक हैं। -
लाल जी टंडन का नाम बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार है। वो कुछ ऐसे सिग्नेचर करते हैं।
